शुक्रवार, 20 जुलाई 2018

वैदिक गणित का दूसरा सूत्र : 'निखिलं सूत्र'

निखिलं नवतश्चरमं दशतः 

वैदिक गणित का यह दूसरा सूत्र है.
 इस सूत्र का अर्थ स्पष्ट है (निखिलं नवतः चरमं दशतः) सभी को 9 से ,अंत वाले को 10 से.

इस सूत्र का आधारभूत(basic) प्रयोग है :- किसी संख्या का पूरक(complement) ज्ञात करने में. बाद में  इस पूरक का ही बड़ा उपयोग है जैसे - गुणा और भाग करने में और रेखांक (vinculum )ज्ञात करने में.

95 का पूरक होगा : 100-95 =05.   73 का पूरक होगा: 100-73=27.  123 का पूरक होगा : 1000-123=877.  459 का पूरक होगा:1000-459=541.

545351326 का पूरक होगा: 1000000000-545351326 = 454648674.

उपरोक्त (निखिलं) सूत्र के प्रयोग से बहुत ही सरलता से पूरक ज्ञात किया जाता है:--

बाएं से दाएं (left to right ) के ओर किसी संख्या के  प्रत्येक अंक को 9 से और अंतिम वाले अंक को 10 से घटाते हैं, और इस तरह उस संख्या का पूरक मिल जाता है.  (यह काम मन में किया जाता है आपको कागज कलम की आवश्यकता नहीं .)

  जैसे :- 53 का पूरक = 47 .

545351326 का पूरक = 454648674 

अब आते हैं पूरक के उपयोग पर और  निखिलं सूत्र के उपयोग पर :----


C . रेखांक (vinculum) ज्ञात  करने में.



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