सोमवार, 16 अप्रैल 2018

आंकिक योग DIGITAL SUM

वैदिक आंकिक योग  (vedic digital sum or digital root)





आंकिक योग क्या है?

शाब्दिक अर्थ पर जाएँ तो आंकिक योग का मतलब है--- 'अंको का योग' .

किसी संख्या के अंकों का योग उस संख्या का आंकिक योग  कहलाता है. यह आंकिक योग केवल एक ही अंक का हो सकता है और यदि यह एक से अधिक अंक का हो तो उन अंकों को फिर से जोड़कर एक अंक का बना लिया जाता है.(75 का आंकिक योग   7+5= 12, किन्तु दो अंक हैं इसलिए 1+2=3.)

इसे मूलांक अथवा बीजांक भी कहा जाता है.  (मूल=बीज= Root)

**हम यहाँ पर 'बीजांक' शब्द का प्रयोग करेंगे.

उदाहरण: 531 का बीजांक होगा 5+3+1 = 9.

172654 का बीजांक होगा --- 1+7+2+6+5+4 = 25 और 25 से 2+5 = 7.

83564239 का बीजांक होगा --- 8+3+5+6+4+2+3+9 = 40 ; 4+0 = 4.

54321 का बीजांक होगा --- 5+4+3+2+1 = 15 ; 1+5 =6.


बीजांक ज्ञात करते समय '9' को 0 के समतुल्य माना जाता है. क्यों?

(क) 9+5 =14 और फिर, 1+4 =5.              (ख)  9+6 =15; 1+5 =6.

(ग) 9+2 =11; 1+1 =2.     (घ)  9+3 =12; 1+2 =3.     (ङ) 9+8 =17; 1+7 =8.

(च) 9x5 =45; 4+5 =9.  (छ) 9x6 =54; 5+4 =9.  (ज) 9x7 =63; 6+3=9.
हम जानते हैं कि 9 से विभाज्य सभी संख्याओं के अंकों को योग भी 9 से विभाज्य होता है.

अब हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं की इन सभी उदाहरणों में यदि 9 के स्थान पर 0 होता तो भी बीजांक में कोई बदलाव नहीं आता.

[[[*घटाव संक्रिया में भी बीजांक ज्ञात करते समय 9 को 0 मान सकते हैं किन्तु बीजांकों के घटाव के समय  ॠणात्मक आने की स्थिति में उसको 9 में जोड़ दें.

जैसे: 5409-3236 = 2173  बीजांक के रूप में;  0-5 =-5 होगा लेकिन ये ऐसी स्थिति में -5+9 = 4 होगा.अतः 4=4.

**भाग संक्रिया (division) में बीजांक का प्रयोग गलत हो जाता है.
जैसे: 106/2 = 53.  लेकिन इन सबका बीजांक लिखने पर 7/2 = 8 जोकि गलत हो जाता है.]]]

इस तरह से 9 को 0 मान लिया जाता है.

   इसका एक और कारण यह हो सकता है कि --किसी संख्या को 9 से भाग देने पर उतना ही शेषफल हो सकता है जितना कि उस संख्या का बीजांक हो.अब यदि किसी संख्या को 9 से भाग दे रहे हैं तो उसका शेषफल 9 न होकर 0 ही होगा.



बीजांक ज्ञात करने का सही तरीका

56932554147 का बीजांक ज्ञात करना है.

[5+6=11,1+1=2];  [2+9=2+0=2];  [2+3=5]; [5+2=7];  [7+5=12,1+2=3];   [3+5=8]; [8+4=12,1+2=3];  [3+1=4];  [4+4=8];  [8+7=15, 1+5=6].

यह जितना कठिन दिख रहा है उतना है नहीं, एक बार जरूर प्रयास करें समझने का. और यदि फिर भी यह अच्छा न लगे तो सभी अंको को जोड़कर फिर बीजांक ज्ञात करें.

अतः इस संख्या का बीजांक 6 है.

दूसरा तरीका ---  9 के योग को हटा लें.


यहाँ पर 9 को 0 माना गया है और अन्य अंकों के युग्म जो 9 का योग बनाते हैं(एकसमान रंग वाले)  को भी 0 बना दिया गया और इस तरह से  केवल 5 और 1 बची.

5+1=6 है दी गयी संख्या का बीजांक.


बीजांक के उपयोग

जैसा की हमने पहले भी बताया कि जोड़,घटाव, और गुणा, इन तीनों संक्रियाओं में बीजांक के द्वारा हम परिणाम की सत्यता की जाँच कर सकते हैं.

जैसे:  56x53 =2968  बीजांक द्वारा--  वाम पक्ष(LHS) =2x8 =16, 1+6=7.  और दायाँ पक्ष(RHS) =7.

82x65 =4810;  LHS=1 x 2 =2.  RHS=4.  यहाँ पर दोनों पक्ष एकसमान नहीं हैं इसलिए यह स्पष्ट रूप में कहा जा सकता है कि गुणा गलत है.
(लेकिन यदि यहाँ LHS=RHS बीजांक होता तो यह संभव है की गुणा सही है)


**यदि 56x53 =2698 लिखा हो तो भी बीजांक विधि से यह सत्य प्रतीत होगा किन्तु यह सत्य नहीं है, इसलिए यहाँ सावधानी की आवश्यकता होती है.

यहाँ ज्यादा उदाहरण नहीं दिया जा रहा है .  सिर्फ इतना ध्यान रखें कि--

 दो या दो से अधिक संख्याओं का जोड़, घटाव या गुणा के परिणाम का बीजांक उतना ही होगा जितना कि उन दो या दो से अधिक संख्याओं के बीजांकों का योग, अंतर या गुणनफल हो.

बहुत से बहु विकल्पीय प्रश्नों के उत्तर का अनुमान लगाने में यह बीजांक बहुत उपयोगी हो सकता है. (हालांकि इसकी अपनी सीमाएं हैं.)



आशा है आप यह सब समझ गए होंगे. यदि कोई परेशानी हो इस विषय से सम्बंधित तो आप comment कर बताएं. आप हमारे facebook पेज fb.me/vedicmathsinhindi पर भी सम्बंधित प्रतिक्रिया दे सकते हैं.



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