रविवार, 12 अप्रैल 2020

ऊर्ध्वतिर्यग्भ्याम् सूत्र से गुणा

गुणा 

'ऊर्ध्वतिर्यग्भ्याम्' सूत्र से गुणा करना सीखेंगे।

ऊर्ध्व + तिर्यक् + भ्याम् = उर्ध्वतिर्यग्भ्याम्  का अर्थ है : ऊर्ध्व और तिर्यक् (दोनों) के द्वारा। 

उर्ध्व =सीधा/खड़ा (vertical) तथा तिर्यक् =तिरछा (cross).

 यह सूत्र गुणा  का एक सामान्य (general) सूत्र है ,अर्थात् इससे किसी भी प्रकार का गुणा किया जा सकता है बल्कि इस सूत्र की सहायता से हम बीजगणितीय गुणा (algebraic product) भी प्राप्त कर सकते हैं.

उदाहरण से समझते  हैं --


एक-एक अंक के संख्याओं का गुणा : जैसे 2x2 , 5x3 ,4x6, 9x9 इत्यादि। इसके लिए तो पहाड़ा ही याद होना पर्याप्त है। वैदिक गणित में निम्न प्रकार से गुना किया जायेगा।  


ध्यान दें 15, 24 और 81 को क्रमशः 1524 और 81 लिखा गया है.   
दो-दो अंकों के संख्याओं का गुणा : जैसे 12x34, 31x24, 25x42 इत्यादि।
दायें से बाएं (Right to Left) बनाया गया है. इसी क्रम में देखे। 
ऊपर के गुणा को ध्यान से देखें और समझें। सबसे पहले तो, यह जितना जटिल दिख रहा है वास्तव में उतना जटिल है नहीं।केवल समझाने के लिए अधिक विस्तृत कर लिखा गया है। चलचित्र (video)↓ देखें। 







गुणा करने के चरण (steps) : आप कागज-कलम ले कर साथ में प्रयास भी करें .

ध्यान  रहे गुणा दाएं से बाएं  की जा रही  है अर्थात्  . गुणनफल का एक -एक अंक दाएं से बाएं की ओर  प्राप्त करेंगे। 

१. 12x34

  • 12x34 को ऊपर-नीचे लिख लीजिये। (ऊपर के चित्र और चलचित्र (video)के जैसा )
  • चरण(step) १ : 4x2 = 8, 8 को ज्यों का त्यों लिख दीजिये। 
  • चरण २ : 4x1+3x2 = 10, 10 का 0 लिखेंगे और 1 प्राप्तांक (हासिल अंक / carry digit ) रहेगा। 
  • चरण ३ : 3x1 =3;  3 +1 (प्राप्तांक ) = 4.
  • इस प्रकार 408 गुणनफल है.

२. 31x24 

  • चरण १ : 4x1= 4 
  • चरण 2 : 4x3 + 2x1 = 14 अर्थात् 14  (लाल रंग का 1 प्राप्तांक है जो अगले चरण में जुड़ेगा। )
  • चरण ३ : 2x3 =6 ; 6+1 (प्राप्तांक) = 7. 
  • इस प्रकार 744 गुणनफल है.
३. 25x42 
  • चरण १ : 5x2 = 10 , 0 को लिखेंगे और 1(प्राप्तांक) अगले चरण में जुड़ेगा।
  • चरण २ : 2x2 + 4x5 = 24 ; 24 + 1(प्राप्तांक) = 25. इस 25 का 5 लिखेंगे और 2 प्राप्तांक अगले चरण में जुड़ेगा। 
  • चरण 3 : 4x2 = 8 : 8+2 = 10;   10 को पूरा लिखेंगे क्योंकि इसके बाद कोई अंक नहीं है.गुना यहीं समाप्त होगी। 
  • अर्थात् गुणनफल है 1050.


*ध्यातव्य(note): -इसे पूरा का पूरा अपने मन में ही किया जा सकता है, कुछ के लिए 'कागज-कलम' की आवश्यकता पड़ी भी तो इतना सब-का-सब  लिखने की आवश्यकता नहीं है। 










तीन-तीन अंकों के संख्याओं का गुणा  







1. 124x235 
चित्र ३-३.१ 
चित्र ३-३.२ 


124x235 के गुणा के चरण(steps) ऊपर के दोनों चित्रों से स्पष्ट है।

  • चित्र ३-३.१ में दिखाया गया है के ऊर्ध्व और तिर्यक् करते हुए किस अंक को किससे गुणा करना है।
  • चित्र ३-३.२ में गुणा करके दिखाया गया है,ध्यान से देखिये। (इसे जटिल ना समझें केवल स्पष्ट दिखाने के लिए ऐसा लिखा गया है।)

  • चरण १ : 5x4 = 20 , 20 का 0 लिखेंगे और 2 प्राप्तांक।
  • चरण २ : 5x2 + 3x4 = 22; 22 + 2(प्राप्तांक) = 24  ।   24  का 4 लिखेंगे और 2 प्राप्तांक।
  • चरण ३ : 5x1 + 2x4 + 3x2 = 19; 19+2 =21, 21 का 1 लिखेंगे और 2 प्राप्तांक।
  • चरण ४ : 3x1 + 2x2 = 7; 7 +2 =9. पूरा 9 ही लिखेंगे। 
  • चरण ५ : 2x1  = 2.    2 भी पूरा लिखा जायेगा। 
  • अर्थात् 2/9/1/4/0 = 29140 गुणनफल है। 





2. 154 x 323 --




  • चरण १. -  3x4 =12 अर्थात् 12, ध्यान दें की 12 का 2 ही लिखेंगे शेष 1 को अगले चरण में जोड़ दिया जायेगा। 
  • चरण २ -  3x5 + 2x4 = 23; चरण-१ से प्राप्त 1 को भी जोड़ दीजिए। 23+1 =24 होगा।  24 का 4 लिखेंगे और 2 प्राप्तांक।
  • चरण ३ -  3x1 + 2x5 + 3x4 = 25; 25+2 =27 , 27 का 7 लिखेंगे और 2 प्राप्तांक।
  • चरण ४ - 2x1 + 3x5 = 17; 17+2 = 19, 19 का 9 लिखेंगे और 1 प्राप्तांक।
  • चरण ५ - 1x3 = 3;  3+1 = 4. पूरा 4 ही लिखेंगे।
  • इस प्रकार गुणनफल है - 49742  

आगे और भी विस्तृत Post (प्रेषण ) किये जायेंगे। कुछ समस्या हो तो हमारे फेसबुक से जुड़ कर प्रश्न कर सकते हैं.   ............................ .



शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2020

रेखांक(ॠणांक/शिरोरेखा /vinculum ), अर्थ और प्रयोग, विस्तार से.

ॠणांक/ रेखांक (vinculum)

रेखांक = रेखा + अंक(Bar digit) 
या  ॠणांक = ॠण+अंक(negative digit) 
या शिरोरेखा = (अंक के) शिर के ऊपर एक रेखा(bar).


  
(किसी अंक पर एक रेखा(bar) ,उस अंक का ॠणात्मक होने का संकेत करता है और वह संख्या जिसमें रेखांक का प्रयोग हुआ हो उसे रेखांक संख्या कहा जा सकता है . ध्यान रहे कि वर्तमान में  हम इस शिरोरेखा (bar) का प्रयोग आवर्ती अशांत (recurring non-terminating ) संख्या का निरूपण करने के लिए भी करते हैं किन्तु वैदिक गणित में हम  इसे रेखांक/ॠणांक  को दिखाने  के लिए प्रयोग कर रहे हैं.)


हम  रेखांक  शब्द  का प्रयोग  करेंगे। साथ ही रेखांक से बनी संख्या को रेखांक संख्या कहेंगे। 

रेखांक की आवश्यकता और महत्व : वैदिक गणित के सभी नियम अंकों(digits)के गणनाओं(calculations)पर आधारित है इसलिए अंकों का छोटा होना हमारे लिए अच्छा और आवश्यक है. रेखांक ही, बड़े अंकों  की संख्या को, छोटे अंकों की संख्या बना देती है. 

सबसे पहले, संख्या(number) पर विचार करते हैं -- हम अंकों(digits) के मेल से संख्या बनाते हैं जिसमें हर अंक का एक निश्चित मान होता है साथही स्थानीय मान(place value) होता है. 

0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 (या ०, १, २, ३, ४, ५, ६, ७, ८, ९) -इन्हीं 10 अंकों की सहायता से हम बड़ी से बड़ी संख्या का निरूपण कर सकते हैं.

इस प्रकार 54321= 50000+4000+300+20+1  को निम्न प्रकार से लिखा जा सकता है --






इस उदाहरण से आप समझ सकते हैं कि ॠणात्मक अंक(digit) की सहायता से भी किसी संख्या को लिखा जा सकता है। जैसे यहाँ -6 को हमने लिखा है। ध्यान रहे यह केवल उदाहरण के लिए था अन्यथा हमारा उद्देश्य छोटे अंक 4 को बड़े अंक 6 (अर्थात -6) में बदलना नहीं है. बल्कि हम बड़े अंक को छोटा बनाना चाहेंगे। 

अब निम्नलिखित उदाहरणों से समझते हैं. ---



यहाँ पर प्रत्येक ॠणात्मक अंक अर्थात् रेखांक को, अंक के ऊपर एक रेखा (bar ) खींच कर दर्शाया गया है। 


















































आप आगे कुछ भी पढ़ने से पहले ऊपर के सभी संख्याओं को अवलोकित(observe) कीजिये।आप देख सकते हैं कि --

  • रेखांक के रूप में लिखने पर भी संख्या का वास्तविक मान नहीं बदलता है।
  • यह आवश्यक नहीं है कि केवल सभी या केवल अंत के अंकों को ही रेखांक के रूप में लिख सकते हैं। (ऊपर बंद आकृति में संख्याओं को देखिये)।

सरलता से रेखांक ज्ञात करना --- इसके लिए १. एकाधिकेन पूर्वेण  तथा २. निखिलं नवतः चरमं दशतः --इन दो सूत्रों का प्रयोग करेंगे। 
  • * एकाधिकेन पूर्वेण का अर्थ है पूर्व (अंक) का एक अधिक। ** निखिलं नवतः चरमं दशतः का अर्थ है सब 9 में से अंत वाला 10 में से (घटाना है).
  • सबसे पहले ध्यान दें कि हम इस विधि का प्रयोग 5 से बड़े अंकों को ही परिवर्तित करने के लिए करें तो अच्छा होगा। 
  • जिन अंको को परिवर्तित करना है उन्हें निखिलं सूत्र से घटा कर लिख लेंगे।
  • पूर्व का अंक (जिसके ठीक बाद वाले अंक पर निखिलं सूत्र लगाया गया है ) में एक जोड़ देंगे। अर्थात उसका एकाधिक लिखेंगे।नीचे उदाहरण में देख सकते हैं के 199 में ;1+1 =2, 9-9=0, 10-9= 1 और इसी तरह से अन्य भी है। आप स्वयं प्रयास करें।
  • रेखांक 0 पर लगा हो या एक से अधिक अंकों पर एक साथ लगा हो इस बात से कोई अंतर नहीं पड़ता है.
आशा है अब आप समझ चुके हैं कि रेखांक के प्रयोग से बड़े अंकों वाले संख्याओं को तुरंत, मन में ही, छोटे अंकों वाले में परिवर्तित कर सकते हैं।

**रेखांक संख्या को पुनः सामान्य संख्या मे परिवर्तित करने के लिए भी इसी प्रकार से रेखांक पर निखिलं सूत्र लगा दीजिये। और जहाँ 'एक-अधिक' करते थे वहां उल्टा 'एक-कम' करेंगे, कह सकते हैं कि यहाँ 'एकन्यूनेन पूर्वेण' सूत्र लगा है जिसका अर्थ है पूर्व (अंक) से एक कम (के द्वारा) । नीचे उदाहरण में 4-1=3 , 9-1 =8 , 10-2=8 लिखा गया है और इसी तरह से अन्य भी.
उदाहरण --
                                             

रेखांक के साथ जोड़ घटाव गुणा के नियम हम पहले से ही जानते हैं.कुछ सामान्य सा उदाहरण देखते हैं शेष अन्य बाद में आवश्यकतानुसार सीखेंगे
                          


जितना आवश्यक है आप उतना जान चुके हैं। इसका प्रयोग अधिकतर गुणा और भाग के क्रम में होता है। विशिष्ट रूप से निखिलं सूत्र से गुणा और भाग ,परावर्त्य से भाग  और ऊर्ध्वतिर्यग्भ्याम् सूत्र से गुणा में।

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